धातु और खनन में वैश्विक समूह कंपनी वेदांता लिमिटेड ने भारत सरकार के साथ कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए इसी कड़ी में 100 करोड़ के कोष की स्थापना करने की घोषणा की है।
यह कोष तीन विशिष्ट क्षेत्रों को पूरा करेगा जिनमें दैनिक वेतन भोगी कामगारों, कर्मचारियों और अनुबंध कर्मचारियों की आजीविका, निवारक स्वास्थ्य देखभाल के साथ साथ कंपनी के विभिन्न संयंत्र स्थानों में एवं आसपास के समुदायों को समय पर सहायता प्रदान करेगा।
अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष, वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड ने कहा कि दुनिया वर्तमान में कोविड 19 के खिलाफ एकजुट हो कर लड़ाई लड रही है। राज्य सरकारों के साथ भारत सरकार ने अब तक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अनुकरणीय कार्य किया है। यह महत्वपूर्ण है कि कॉरपोरेट घराने इस महामारी रूपी घातक वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार की सहायता करें, ताकि राष्ट्र के पास अपने नागरिकों की देखभाल करने और चिकित्सा और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पर्याप्त संसाधन हों।
यह कोष वेदांता की ओर से पहला कदम है और अगर जरूरत पड़ी तो इसे और बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, हम इकाईयों के आस पास के लोगो को आजीविका के नुकसान के लिए समुदायों की सहायता करेंगे। मैं देश के प्रत्येक नागरिक से अनुरोध करता हूं कि वे सुरक्षित रहें और जिम्मेदारी से काम करें ।
अनिल अग्रवाल ने कहा, “मैं अपने सभी लोगों के बारे में गहराई से चिंतित हूं लेकिन अगर हम सकारात्मक रहें और पर्याप्त सावधानी बरतें, तो हम और मजबूत बनेंगे।”
“हम इस संकट की अवधि में सकारात्मक कदम उठाते हुए सुनिश्चित करते है कि इस दौरान अस्थायी कर्मचारियों सहित किसी भी कर्मचारी के वेतन में कटौती नहीं की जाएगी ना ही कार्य से विच्छेद किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि कोविड-19 के लिए समूह के कर्मचारियों और उनके परिवारों को संरक्षित करते हुए विशेष रूप से वन टाइम इंश्योरेंस दिया जाएगा।”
इसके अलावा, परिचालन क्षेत्रों में सभी मोबाइल स्वास्थ्य वैन निवारक स्वास्थ्य देखभाल में सहयोगी होंगे और प्रत्येक व्यावसायिक इकाई एवं संयंत्र स्थानों के आसपास दैनिक मजदूरी से कमाने वालों की आजीविका में योगदान किया जाएगा।
एक जिम्मेदार कॉरपोरेट के रूप में, वेदांता और उसकी सहायक कंपनियां कई स्थानों पर अपने विकास के काम में समुदायों के साथ मिलकर काम कर रही हैं, जिसमें मुफ्त स्वास्थ्य जांच और उपचार, स्वच्छ पेयजल, वंचित छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, महिलाओं को स्व-सहायता प्रदान करना शामिल है। इसमें समूहों और अपने संयंत्र स्थानों में और आसपास के युवाओं और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कौशल प्रशिक्षण शिविर का अयोजन भी शामिल है।
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